तीन साल के डॉगी का ब्लड लेते डॉक्टर।
– फोटो : सोशल मीडिया
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यह है पूरा मामला
दरअसल, होशंगाबाद निवासी शादाब खान ने अगस्त 2020 के दौरान अपने 3 साल के लेब्राडोर कोको के लापता होने देहात थाने में दर्ज कराई थी। 18 नवंबर को उन्हें मालाखेड़ी इलाके में ही कृतिक शिवहरे के घर में अपने डॉगी के होने की जानकारी मिली। शादाब मौके पर पहुंचे और अपने डॉगी पर हक जताने लगे। वहीं, कृतिक ने डॉगी को अपना बताया और उसका नाम टाइगर होने की जानकारी दी। ऐसे में दोनों पक्ष आपस में भिड़ने लगे, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई।
A 3 year Labrador will undergo DNA test in Hoshnagabad, to decide the ownership dispute between Shadab Khan and Kartik Shivhare, Khan alleges that his missing black Labrador, While Shivhare family claims it’s their Tiger. @ndtvindia @ndtv @RajputAditi pic.twitter.com/5leiIBfb8L
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) November 22, 2020
शादाब ने की पुलिस से शिकायत
बताया जा रहा है कि मामला नहीं सुलझने पर शादाब थाने पहुंच गए और कुछ तस्वीरों व दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता कृतिक भी पुलिस थाने पहुंचे और अपना दावा पेश करने लगे।
डॉगी भी नहीं पहचान पाया असली मालिक
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए डॉगी की मदद लेने का फैसला किया, लेकिन असल मुसीबत उस वक्त आई, जब डॉगी अपने असली मालिक को नहीं पहचान पाया। ऐसे में जब पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी तो डॉगी का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया गया। इसके बाद डॉगी के ब्लड सैंपल लिए गए। होशंगाबाद देहात के थाना इंचार्ज हेमंत श्रीवास्तव का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद डॉगी असली मालिक को सौंप दिया जाएगा।